
किताबें खज़ाने की तरह होती हैं, जिन्हें देखभाल और ध्यान की ज़रूरत होती है—खासकर उन जगहों पर जहाँ छोटे पाठक उन्हें महत्व देना सीख रहे होते हैं। बुक हॉस्पिटल एक मज़ेदार और उपयोगी तरीका है, जिससे हम खराब हुई किताबों को ठीक कर सकते हैं और साथ ही बच्चों को ज़िम्मेदारी, टीमवर्क और किताबें ठीक करने के बुनियादी कौशल भी सिखा सकते हैं।
इस ट्यूटोरियल में, श्रीमती दीपाली सावंत आपको अपना बुक हॉस्पिटल बनाने की पूरी प्रक्रिया बताएँगी—ज़रूरी सामान जुटाने से लेकर एक ऐसी रोमांचक जगह बनाने तक, जहाँ बच्चे “बुक डॉक्टर” बन सकें।
चाहे आप शिक्षक हों, लाइब्रेरियन हों, या माता-पिता—यह पहल न सिर्फ आपकी किताबों की उम्र बढ़ाती है, बल्कि बच्चों में अपनापन, रचनात्मकता और देखभाल की संस्कृति भी विकसित करती है।